चारों क्रूर अपराधी दुनिया से विदा
सात साल की कड़ी मशक्कत के बाद जनता के भारी दबाव के बीच माननीय सुप्रीम कोर्ट का अटल फैसला
दिल्ली तिहाड़ जेल हैवानियत के चारों दोषियों को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर लटकाया गया निर्भया की मां ने इसे न्याय की जीत बताई उन्होंने कहा कि बेटी को न्याय दिलाने के लिए किया गया संघर्ष आज सफल हो गया इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने देर रात सुनवाई के बाद निर्भया गैंगरेप के सभी दोषियों की फांसी के खिलाफ याचिका ठुकरा दी थी बता दें कि यह चारों दोषी मुकेश सिंह, पवन गुप्ता,विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर पिछले कई दिनों से कानूनी दांवपेच के सहारे बचते आ रहे थे इन्हें पहली बार 2013 में मौत की सजा सुनाई गई थी। क्योंकि सन 2012 में दक्षिण दिल्ली वसंत कुंज क्षेत्र में चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ वहशी दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर वारदात को अंजाम दिया था।
लेकिन आज तिहाड़ जेल में पूरी रात प्रशासन फांसी की तैयारी में जुटा रहा और बाहर अर्धसैनिक बल तैनात कर दिया सुबह साढ़े तीन बजे चारों दोषियों को उठाया गया और नहला धुलाकर तैयार किया चारों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उसकी अंतिम इच्छा पूछी गई लेकिन किसी ने कोई इच्छा जाहिर नहीं की और जल्लाद पवन ने पूरी तैयारी कर दस फीट के तख्त पर चारों को हाथ पैर बांध कर खड़ा कर दिया गया।और ठीक साढ़े पांच बजे जेलर के रुमाल दिखाते जल्लाद ने लीवर खींच लिया और चारो फांसी पर लटक गए।
रिपोर्टर इन चीफ :- सुशील निगम