अर्नव गोस्वामी की गिरफ्तारी गृह मंत्रालय की विफलता
रंजिशन अर्बन के विरुद्ध साजिस स्पष्ट,
खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रही शिवसेना
मुबंई : देश में चारों तरफ सबकी जुबान पर अर्नव की गिरफ्तारी का चर्चा हो रहा है, मीडिया से संबंधित लोग बहुत सोच समझ कर मुंह से एक-एक शब्द निकाल रहे हैं, लेकिन इतना तो स्पष्ट है, कि अर्नव की गिरफ्तारी भारतीय लोकतंत्र में पत्रकारिता जगत के लिए एक काला दिवस होगा क्योंकि अपने चैनल की स्क्रीन पर बड़े-बड़े धुरंधरों को धोने वाले अर्नव गोस्वामी को रंजिशन बंद केस की री इंक्वायरी को साजिश का पजामा पहना कर जानबूझकर परेशान करने की नियत से एक मानवीय कृत्य किया गया है, पूरे देश को पता है, सत्तारूढ़ होने के बाद उद्धव ठाकरे सरकार नें निम्न स्तर की बयान बाजिया की है,और निकृष्टतम स्तर के कार्य किए हैं, चाहे वो संतों की हत्या के मामले में जांच का विषय हो या सुशांत राजपूत मर्डर को सुसाइड बनाने का काम किया हो ऐसे में कभी-कभी शेर को भी स्याही के कांटे चुभ जाते हैं, वही एक आद कांटों का कोई खास महत्व नहीं है, किंतु मुखर रूप से यह एक निंदनीय कृत्य है,और वास्तविकता यह है, कि पूरे भारतवर्ष में उद्धव सरकार की भर्त्सना एवं निंदा हो रही है, जो कि बिल्कुल सही है, इन परिस्थितियों में पूरा भारत वर्ष अर्नव के साथ खड़ा हो गया है, उसे तो बाहर आना ही है, और कुछ लोगों को जमकर धोना ही है, हां लेकिन यह गृह मंत्रालय की बहुत बड़ी विफलता है,कि देश में जिन राज्यों में केंद्र सरकार की सरकार नहीं है,वहां पर होने वाली अव्यवस्थाओं में देश का गृह मंत्रालय अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहा ।
एडीटर इन चीफ : सुशील निगम