अब ऐसा क्या हो गया उत्तर प्रदेश पुलिस को जो एक बाद एक आत्महत्या करने पर मजबूर हैं, कुछ दिनों पहले कानपुर नगर एस पी ने जहर खाकर और आज हैदरगढ़ थाने की महिला सिपाही ने किया
मामला जिला बाराबंकी हैदरगढ़ थाना- का है।
यहां मोनिका नाम की एक महिला सिपाही CCTNS में कार्यरत है। जिसमें की छुट्टी ना मिल पाने के कारण अपने रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली
सुसाइड नोट के अनुसार
जबरन महिला कांस्टेबल की ड्यूटी बाहर लगा दी जाती थी जिस का विरोध करने पर गैर हाजिरी की धमकी दी जाती थी अपने सुसाइड नोट में मोनिका ने
SHO परशुराम ओझा एवं साथी कांस्टेबल रुखसार अहमद पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है।लेकिन यदि कमरे की यथा स्थिति पर गौर करें तो मोनिका का लटका शव आत्महत्या की पुस्टि नहीं कर रहा क्योंकि कमरे में पड़ा तखत उसके पैरों की सीमा के बहुत अंदर है। देखने से ऐसा प्रतीत होता है। कि मोनिका के साथ कोई दर्दनाक हादसा हुआ है। प्रशासन को इसकी गहराई से जांच करानी चाहिए।
महिला सिपाही का मिला सुसाइड नोट कई सवाल खड़ा कर रहा है।
अगर महिला सिपाही को अपने ही थाने में प्रताड़ित किया जा रहा था तो क्या अन्य आला अधिकारियों तक कोई शिकायत नहीं पहुचीं
और मिले सुसाइड नोट में जितना लंबा वृत्तांत लिखा हुआ है। क्या लगता है।कि आत्महत्या करने वाला व्यक्ति इतना लंबा पत्र लिखेगा
और क्या छुट्टी ना मिलना या अन्य जगह ड्यूटी लगाए जाने पर इतना बड़ा कदम महिला सिपाही उठा सकती है।
रिपोर्टर इन चीफ: सुशील निगम