अनिमितताओं के चक्रव्यूह में फंसे वैक्सीनेशन सेंटर
सेंटर के कर्मचारी अपने पद का उठाते हैं लाभ परिजनों एवं मिलने वालों को मिलती है वरीयता
आम जनमानस रहता है परेशान लगता है लाइन में लगना और चिल्लाना आम आदमी की बन गई है तकदीर
कानपुर : आउटर विकासखंड बिधनू ग्राम पंचायत रमईपुर वैक्सीनेशन सेंटर समाज के हितार्थ मतलब आम लोगों के हित के लिए कोविड-19 से बचाव के लिए जो वैक्सीनेशन सेंटर शुरू किए गए हैं, वह अब धीरे-धीरे अनिमितताओं के चक्रव्यूह में फंसते जा रहे हैं, सबसे पहले तो वैक्सीनेशन सेंटर पर कार्यरत कर्मचारी अपने जानने पहचानने वाले लोगों को और उनके भी मिलने वाले लोगों को बाहर खड़ी भीड़ को नजरअंदाज करके वरीयता प्रदान कर देते हैं, जिससे आपस में नोकझोंक और मारपीट तक होने की आशंका बनी रहती है,बल्कि मैं यहां पर लिख रहा हूं कि बनी रहती है असल में तो कहीं कहीं हो भी जाती है, क्योंकि जब बुजुर्ग लोग लाइन में लगे हो छोटे बच्चों को गोद में लिए महिलाएं लाइन में खड़ी हो वो भी ऐसे मौसम में उस समय किसी भी व्यक्ति का सीधे अंदर जाकर वैक्सीन लगवा कर चले जाना किसी को भी अखरे गा लाइन का मतलब अनुशासन होता है, और अनुशासन को तोड़ने वाला अपराधी तो आप सभी समझदार हैं, मैं क्या कहना चाहता हूं एक और अनिमितता दिखाई दे रही है, वैक्सीन लगवाने के बाद मरीज को ना तो दवाए लिखकर दी जाती हैं, ना ही वैक्सीन के बाद उत्पन्न होने वाले लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाती है, बल्कि कहीं कहीं ऐसा भी सुनने में आया है कि फला मेडिकल स्टोर पर दवा मिलेगी जा कर ले लो इसमें भी बड़े गंभीर कारण निहित हो सकते हैं। सुनने को तो बहुत कुछ आया है लेकिन सब कुछ लिखा नहीं जा सकता ईश्वर मनुष्य पर कृपा करें उसे मनुष्य ही बनाए रखें समाज में सुख और शांति स्थापित रखने के लिए बड़ा जरूरी है।
ये तसवीर है विधनू क्षेत्र गंगापुर वैक्सीन सेंटर की
(एडीटर इन चीफ: सुशील निगम)